नेशनल मीडिया प्रेस क्लब द्वारा 03 मई 2024 दिन शुक्रवार को विश्व प्रेस स्वतन्त्रता दिवस पर पत्रकारों की स्वतंत्रता पर की गई चर्चा
पत्रकारों, अधिवक्ताओं व समाजसेवियों के हित में कार्यरत राष्ट्रीय संगठन नेशनल मीडिया प्रेस क्लब द्वारा विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर प्रेस की स्वतंत्रता पर एक चर्चा आयोजित की गई। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाना ही मीडिया के महत्व को दर्शाता है। लेकिन वहीं आज पत्रकारिता जोखिम से भरा हुवा है, दुनियाभर में आए दिन पत्रकारों पर जानलेवा हमले होते रहते हैं, मीडिया के महत्व और इस पेशे के खतरों को देखते हुए हर साल की भांति इस 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर संगठन द्वारा गंभीर मुद्दों पर चर्चा की गई। विश्व प्रेस स्वतन्त्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का जश्न मनाना, मीडिया का मूल्यांकन करना और पत्रकारों पर हो रहे हमलों से उसकी रक्षा करने के साथ साथ ही कर्तव्य के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि देना है।
आज नेशनल मीडिया प्रेस क्लब द्वारा विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर प्रेस की स्वतंत्रता पर चर्चा की गई ।
नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम डी शर्मा ने बताया कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का इतिहास 31 वर्ष पूर्व का है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की स्थापना 1991 में यूनेस्को के सामान्य सम्मेलन की सिफारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में की गई थी। इसे पहली बार 1994 में मनाया गया था, इस प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और जिन पत्रकारों ने कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवाई है उन दिवंगत पत्रकारों को श्रद्धांजलि देना है!
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता का एक मजबूत इतिहास रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में पत्रकारों को डराने-धमकाने और गिरफ्तार करने जैसी अनेक घटनाए बढ़ी हैं, भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की गरिमा भी पिछले कुछ वर्षों में गिरी है । भारत में पत्रकारों को काम करते समय कई शारीरिक खतरों और सुरक्षा जैसी अनेक चिंताओं का सामना करना पड़ता है। संवेदनशील मुद्दों पर रिपोर्टिंग करना, भ्रष्टाचार को उजागर करना और सत्ता में बैठे लोगों से निडर होकर सवाल करना उन्हें धमकियों, हिंसा या उत्पीड़न के खतरे में डाल सकता है,
निर्भीक पत्रकारिता करने वालों को समय-समय पर धमकियां मिलती रहती हैं, ये धमकियां ज्यादातर राजनीति से अधिक प्रेरित हैं और भ्रष्टाचारियों व रेत एवं भू माफिया से ज्यादा आती हैं, पत्रकारों को कभी-कभी अपनी रिपोर्टिंग को विशिष्ट एजेंडे के साथ जोड़ने के दबाव का सामना करना पड़ता है, जिससे निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ कवरेज प्रदान करने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है, पत्रकारिता की अखंडता बनाए रखने और जीवंत लोकतंत्र बनाए रखने के लिए पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हो गया है।
नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के राष्ट्रीय महामंत्री व राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक उपदेश टाइम्स के प्रधान संपादक एडवोकेट उमाशंकर त्यागी जी ने कहा कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का महत्व समाज में प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व को उजागर करना व यह सुनिश्चित करना है कि पत्रकारों को जनता की जानकारी तक पहुंच हो और सरकार लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करे, इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर के पत्रकारों और मीडिया संगठनों के सामने आने वाली धमकियों, हिंसा और सेंसरशिप सहित चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस सूचना के प्रवाह को बनाए रखने और प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में पत्रकारों और मीडिया संगठनों के प्रयासों की सराहना करने का एक अवसर है। यह एक अनुस्मारक भी है कि मीडिया क्षेत्र के विकास और वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल बनाना और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक देशमोर्चा के प्रधान संपादक धर्मेन्द्र सिंह ने अपना विचार रखते हुए कहा कि यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता के मूलभूत सिद्धांतों और मीडिया को उनकी स्वतंत्रता पर हमलों से बचाने के लिए समर्पित है। यह सुनिश्चित करना है कि जनता की जानकारी तक पहुंच हो और सरकार लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करे। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर के पत्रकारों और मीडिया संगठनों के सामने आने वाली धमकियों, हिंसा सहित चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है ताकि समाज व देश की प्रगति में पत्रकारों के योगदान व स्वतंत्रता के विषय में सभी लोग जान सकें।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर प्रेस की स्वतंत्रता की चर्चा में प्रमुख रूप से नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के राष्ट्रीय, प्रादेशिक, मंडलीय व जिला कमेटी ने भाग लिया और अपने अपने विचार रखे इसके साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता पर शासन प्रशासन से मिलकर ठोस कदम उठाने हेतू विशेष रूप से आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने पर चर्चा की।