About Us

परिचय – नेशनल मीडिया प्रेस क्लब एक रजि. पत्रकार, अधिवक्ता, व समाजसेवियों के सहयोगार्थ संचालित राष्ट्रीय संगठन है जो भारतीय पंजीकरण ट्रस्ट अधिनियम, नीति आयोग, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय सीएसआर एक्ट, एमएसएमई एक्ट, भारतीय टैक्स अधिनियम 80जी, 12ए के आधीन भारत सरकार द्वारा पंजीकृत है जिसका पंजीकरण ट्रस्ट संख्या – 143 व पत्रावली संख्या 4 है साथ में एमएसएमई एक्ट के अन्तर्गत भारत सरकार के आधीन भी पंजीकृत है ।संस्थान /संगठन का उद्देश्य पत्रकारों, अधिवक्ताओं एवं समाजसेवी तथा व्यावसायिक लोगो को डिजिटल मीडिया के सहयोग से सामाजिक/मानवीय/व्यावसायिक लाभ प्रदान कर एक आर्थिक एवं सामाजिक लाभ प्रदान करना है ! नेशनल मीडिया प्रेस क्लब सम्पूर्ण भारत के पत्रकारों एवं समाजसेवी तथा संस्थान से जुड़े सदस्यों / प्रभारियो को डिजिटल प्रोग्राम स्वरोजगार योजना के माध्यम से आर्थिक ,सामाजिक एवं व्यावसायिक लाभ प्रदान कर एक ही स्थान पर विभिन्न योजनाओ तथा सुविधाओ को प्रदान करेगी ! जिससे संगठन के साथ साथ समाज के हर वर्ग को जरुरत के अनुसार सहयोग कर सकें।

संगठन का उद्देश्य – नेशनल मीडिया प्रेस क्लब संपूर्ण भारत के प्रत्येक राज्य, मंडल, जनपद में जन सहयोगार्थ 3 क्लब बनाकर सदस्यों व पदाधिकारी का चयन कर देश व समाजहित में निरंतर कार्य करता है ताकि हर पीड़ित व जरूरतमंद की समय रहते मदद की जा सके। संगठन द्वारा निम्न तीन विभाग बनाकर देश व समाजहित में निरन्तर कार्य किया जाता है।

  1. जर्नलिस्ट क्लब । (2) . अधिवक्ता क्लब । (3). सामाजिक प्रतिनिधी क्लब। जर्नलिस्ट क्लब में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकारों के साथ-साथ सोशल मीडिया में कार्यरत पत्रकारों का समूह बनाकर पत्रकारों के हित में कार्य किया जाता है और जरूरत पड़ने पर शासन प्रशासन सहित भ्रष्टाचारियों व सच्चे पत्रकारों की कलम को धार देने हेतू सुख-दुख में संगठित रहकर लड़ाई लड़ते हुए उनकी मदद की जाती है । अधिवक्ता क्लब में अधिवक्ता तथा सामाजिक प्रतिनिधी क्लब में सामाजिक प्रतिनिधी जुड़ सकते हैं।
  2. सदस्यता – सदस्यता पाने हेतु पत्रकार, अधिवक्ता अथवा समाजसेवी को अपना आधार कार्ड, कार्यरत समाचार पत्र-पत्रिका, चैनल, पोर्टल, बार/ लायर्स एसोशिएसन, सामाजिक संस्थान का पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो सदस्यता फार्म के साथ संलग्न कर जमा कर सकते हैं । सदस्य की सदस्यता शुल्क – 200/ (दो सौ रूपए मात्र) है।
  3. संगठन सदस्यता मानक – संगठन में सदस्यता हेतु भारत का वह नागरिक जिसकी आयु 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो तथा वह किसी अनैतिक अथवा गैर कानूनी कार्य में लिप्त न हो अथवा न्यायालय द्वारा किसी अनैतिक कार्य पर दंडित ना किया गया हो वह सदस्यता ले सकता है लेकिन सदस्यता लेने के लिए उसके अंदर संगठन परिवार के लिए समर्पण के साथ-साथ सदैव संगठित होकर एक दूसरे की यथासंभव मदद करने की भावना का होना अनिवार्य है। यदि सदस्यता लेने के बाद कोई सदस्य या पदाधिकारी किसी गैरकानूनी कार्य में लिप्त पाया जाता है अथवा संगठन नियमों के विरुद्ध कार्य करता है तो बिना किसी सूचना के उसकी सदस्यता तत्काल निरस्त मान्य होगी जिसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा । उक्त मानक वाला नागरिक ही सदस्यता ले सकता है।
  4. संगठन सदस्यों को सुविधाएं – संगठन द्वारा सभी सदस्यों को संगठन पहचान पत्र+ संगठन स्टीकर+ संगठन सदस्यता प्रमाण पत्र के साथ साथ एक डिजिटल आईडी पासवर्ड एवं प्रशिक्षण एवं आत्मनिर्भर बनाने हेतू स्वरोजगार योजना से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाता है। इसके साथ ही एक वर्ष तक सही दिशा पर कार्य करने वाले तथा संगठन विस्तार में अपना पूर्ण नियमानुसार सहयोग देने वाले सदस्यों को संगठन द्वारा निशुल्क जीवन बीमा, निशुल्क स्वास्थ्य बीमा, निशुल्क शिक्षा सहयोग जैसी सुविधाएं देगी इसके साथ-साथ 3 वर्षों तक नियमानुसार कार्य करने वाले सदस्यों व पदाधिकारी को आर्थिक सहयोग जैसे शिक्षा हेतु, कन्या विवाह हेतु, मकान बनाने हेतु, व्यापार सहयोग हेतु, बीमार पड़ने पर स्वास्थ्य हेतु बिना व्याज के आर्थिक मदद इत्यादि की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है इसके साथ ही जो पदाधिकारी लगातार 5 वर्ष तक संगठन हित पर नियमानुसार कार्य करता है उस पदाधिकारी को मासिक वेतन + TA+DA की व्यवस्था उक्त सभी सुविधाओं के साथ दी जाती है ऐसे सदस्य व पदाधिकारी जिन्होंने आजीवन संगठन में अपना जीवन समर्पित कर दिया हो अथवा करते है और संगठन विस्तार में नियमानुसार अपना पूर्ण योगदान देते हैं तो ऐसे सदस्यों व पदाधिकारियों के लिए संगठन द्वारा वृद्धावस्था पर पेंशन सुविधा लागू किए जाने की व्यवस्था भी कर रहा है ताकि वृद्धावस्था में जीवन के आखिरी पड़ाव तक संगठन उसका साथ दे सके।
  • 2.*संगठन के पदाधिकारी एवं उनके 👇कार्य -:*
  • *1. संस्थापक/चेयरमैन एवं अध्यक्षः-*
  • क). साधारण सभा और संगठन की कार्यकारिणी की बैठकों की अध्यक्षता करेगा और कार्य सुचारू रूप से चलाने के आदेश देना।
  • ख). संगठन के सभी कार्यो एवं सदस्यो की देखभाल करेगा।
  • ग). बराबर मत जाने पर अध्यक्ष को अपना एक कास्टिंग वोट देने का अधिकार होगा।
  • घ). अध्यक्ष कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर सम्पूर्ण (भारत/प्रदेश/मण्डल/जिला) कार्य का सुचारू रूप से चलाने के लिए सम्पूर्ण भारत स्तर तथा प्रदेश स्तर, मण्डल स्तर, जिला स्तर, ब्लाक स्तर पर अस्थाई पद पर नियुक्त कर सकता है।
  • ङ). आवश्यकता पड़ने पर संगठन कार्य हेतु रू. 5000/-  व्यय कर सकता है, जिसके लिए किसी से अनुमति की आवश्यकता नहीं हैं।
  • च). कार्यकारिणी कोई भी निर्णय बिना अध्यक्ष की अनुमति के नही लेगा।
  • छ). संगठन को दान-अनुदान व चन्दा लेने का अधिकार अध्यक्ष को होगा।
  • ज). संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्य किसी गलत कार्यो में लिप्त पाये जाने व गलत प्रचार – प्रसार व आपराधिक कार्यों में पाया जाता है तो निकालने का अधिकार अध्यक्ष को होगा जिसकी संगठन की जवाबदेही नही होगा।
  • *2. उपाध्यक्ष:-*
  • अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उनके कार्यक्रमों को पूरा करेगा और उनको अपना पूर्ण सहयोग देगा।
  • *3. महासचिव/महामंत्री –*
  • क). कार्यकारिणी की साधारण सभा एवं कार्यकारिणी की बैठकों को बुलाना, कार्यवाही लिखना, नियमों को क्रियान्वित करना, हर प्रकार के पत्र व्यवहार करना और प्रत्येक कार्य को सुचारू रूप से चलाना होगा।
  • ख). वार्षिक विवरण तैयार करके साधारण सभा में प्रस्तुत करेंगें।
  • ग). समस्त सदस्यों का विवरण रखेगे, आवश्यकता पड़ने पर समिति के कार्य के लिए रू. 5000/- तक व्यय कर सकेगे। इससे अधिक व्यय के लिए कार्यकारिणी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
  • *4. सचिवः-*
  • महासचिव की अनुपस्थिति में यह मीटिंग का आयोजन करेगा, मीटिंग के अयोजन में सदस्यों को एकत्रित करेगा तथा मीटिंग सम्मेलनों का कार्यभार लेगा देना।
  • *5. कोषाध्यक्ष:-*
  • क). यह संगठन की आय-व्यय का हिसाब-किताब सुचारू रूप से रखेगा।
  • ख). अध्यक्ष, महासचिव, कार्यकारिणी द्वारा सभी बिलों का भुगतान रसीद लेकर करेगें।
  • ग). चन्दा इकठ्ठा करेंगें।
  • घ). आवश्यकता पड़ने पर समिति के कार्य के हेतु रू. 5000/-तक व्यय कर सकेगे। इसे अधिक खर्च के लिए कार्यकारिणी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
  • *5.1. संगठन मंत्री:-*
  • संगठन के हित में कार्य करना। संस्था के पदाधिकारियों व सदस्यों का संगठित करना।
  • *5.2. व्यवस्था मंत्री:-*
  • संगठन के हर कार्यक्रम में व्यवस्था करना व देखभाल करना।
  • *5.3. सूचना मंत्री:-*
  • संगठन के हर पदाधिकारी व सदस्य को संगठन की हर प्रकार की सूचना प्रदान करना।
  • *5.4. मंत्री:-*
  • संगठन महामंत्री के निर्देशानुसार हर पदाधिकारी व सदस्यों के साथ मिलकर संगठन में हर प्रकार की सहायता करना।
  • *6. मीडिया प्रभारी:-*
  • मीडिया प्रभारी संगठन के समस्त कार्यक्रमों अथवा संगठन संबंधी कार्यों की मीडिया बंधुओं के बैठने, सूचना प्रदान करने, संगठन प्रेस नोट देने तथा मीडिया बन्धुओं के सवालों का धैर्य पूर्वक संगठनहित में उत्तर देगा ताकि वो आपके वक्तव्यों को प्रकाशित व प्रसारित खबरों के माध्यम से कर सकें।
  • *7. सलाहकार -:*
  • संगठन सलाहकार जिलाध्यक्ष/ महामंत्री को संगठनहित में कानूनी/व्यवहारिक सलाह प्रदान करेगा ताकि संगठन विस्तार हो सके।
  • *8. संरक्षक -:*
  • संगठन सुरक्षा हेतू हर संभव मदद प्रदान करना ताकि संगठन हर प्रकार से सुरक्षित रहें।
  • *9. प्रवक्ता -:*
  • संगठनहित में सदैव बात करते हुए जनमानस को संतुष्टि प्रदान करना।
  • *10. कार्यकारिणी सदस्य -:*
  • कार्यकारिणी सदस्य अध्यक्ष/ महामंत्री के निर्देशानुसार हर सदस्य व पदाधिकारी के बीच सामंजस्व स्थापित करने हेतू कार्य करेंगे तथा समस्या व समाधान से अवगत कराएंगे।
  • *नोट -:* समस्त पदाधिकारियों के अपने अपने कार्यक्षेत्र में सदस्यों व पदाधिकारियों के बीच महीने की प्रमुख एक बैठक में उपस्थिति रहना, कार्यक्रमों में निर्धारित समय से पूर्व पहुंचना, संगठन परिवार के सुख दुःख में एकता भाईचारा दिखाते हुवे साथ देना, संगठन विस्तार हेतू शोसल मीडिया पर संगठन का प्रचार प्रसार करना, संगठन में जन हितैसी समस्याओं के निदान हेतु प्रयास करते हुए निश्वार्थभाव से न्याय दिलाना, आवश्यकता अनुसार संगठन कार्यक्रमों में व्यक्तिगत/आर्थिक/सामाजिक/भौतिक सहयोग करना, देश व समाज विरोधी अथवा गैर कानूनी कार्य में लिप्त न पाया जाना तथा संगठन विस्तार हेतू अधिक से अधिक सदस्यों को जोड़ना इत्यादि निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।
  • *विशेष -:* यदि संगठन से जुड़ा कोई सदस्य अथवा पदाधिकारी कोई भी अनैतिक अथवा गैर- कानूनी कार्य में लिप्त पाया जाता है अथवा उसके अनैतिक व गैर- कानूनी कार्य में लिप्त होने की सूचना संगठन को प्राप्त होती है तो संगठन द्वारा बिना किसी सूचना के तत्काल सदस्यता समाप्त मान्य होगी और वह अपने अनैतिक अथवा गैर कानूनी कार्य का स्वयं जिम्मेदार होगा। संगठन किसी भी अनैतिक अथवा गैर-कानूनी कार्य करने की न तो अनुमति देता है और न ही सहयोग करता है।